विज्ञापन में महाबहस-हिंदी व्यंग्य कविता


कुछ लोग हर विषय पर बोलेंगे,

फिर अपने प्रचार की तराजु में

अपनी इज्जत का वजन तोलेंगे।

कहें दीपक बापू

हर जगह छाये हैं वह चेहरे

बाज़ार के सौदागरों से लेकर दाम,

प्रचारकों के साथी होकर करते काम,

अपने लफ्जों की कीमत लेकर ही

हर बार अपना मुंह खोलेंगे,

नाम वाले हो या बदनाम

पर्दे पर विज्ञापनों के बीच 

महाबहस के लिये

सामान जुटायेंगे वही लोग

जो पहले मशहुर होकर

शौहरत के लिये इधर उधर डोलेंगे।

लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,
ग्वालियर मध्यप्रदेश
writer and poet-Deepak raj kukreja “Bharatdeep”
Gwalior Madhyapradesh
लेखक और संपादक-दीपक “भारतदीप”,ग्वालियर

poet, writer and editor-Deepak ‘BharatDeep’,Gwalior

‘दीपक भारतदीप की हिन्दी-पत्रिका’ पर मूल रूप से लिखा गया है। इसके अन्य कहीं भी प्रकाशन की अनुमति नहीं है।

अन्य ब्लाग

1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका

2.दीपक भारतदीप का चिंतन

3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका

४.दीपकबापू कहिन

५,हिन्दी पत्रिका

६,ईपत्रिका

७.जागरण पत्रिका

Post a comment or leave a trackback: Trackback URL.

एक उत्तर दें

Please log in using one of these methods to post your comment:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  बदले )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  बदले )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  बदले )

Connecting to %s

%d bloggers like this: